नरेंद्र दामोदरदास मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को वडनगर, गुजरात में हुआ था। उनका जीवन संघर्ष, कड़ी मेहनत, और सेवा के प्रति समर्पण का एक अद्वितीय उदाहरण है। वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता हैं और 2014 से भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी क्षेत्रों में कई सुधार देखे हैं।

प्रारंभिक जीवन
नरेंद्र मोदी का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता, दामोदरदास मूलचंद मोदी, वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते थे, और नरेंद्र मोदी ने भी बचपन में अपने पिता की मदद करते हुए चाय बेची। उनका प्रारंभिक जीवन संघर्षों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से इन कठिनाइयों का सामना किया। उन्होंने वडनगर के स्थानीय स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और छोटी उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए।
शिक्षा और शुरुआती करियर
नरेंद्र मोदी ने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। आरएसएस के साथ जुड़ने के बाद उन्होंने संगठन के कार्यों में सक्रिय भूमिका निभानी शुरू कर दी। आरएसएस के माध्यम से उन्हें राजनीति में प्रवेश करने का अवसर मिला। 1985 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने के बाद उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काम किया और पार्टी के संगठन में अहम भूमिका निभाई।
राजनीतिक करियर की शुरुआत
नरेंद्र मोदी ने 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। उनके नेतृत्व में गुजरात ने औद्योगिक विकास और बुनियादी ढांचे में अभूतपूर्व प्रगति की। मोदी के नेतृत्व में गुजरात मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया, और उनके विकास कार्यों ने उन्हें एक कुशल प्रशासक के रूप में स्थापित किया।
2001 से 2014: गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में
मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने गुजरात में निवेश आकर्षित करने, बुनियादी ढांचे के विकास, और रोजगार सृजन के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार किए। उनके कार्यकाल के दौरान गुजरात में आर्थिक विकास दर उच्च रही। हालाँकि, 2002 में गुजरात में हुए दंगों के कारण उनके नेतृत्व की आलोचना भी हुई, लेकिन मोदी ने खुद को एक मजबूत और प्रभावी नेता के रूप में प्रस्तुत किया, जो विकास और सुशासन के प्रति प्रतिबद्ध थे।
उनके नेतृत्व में शुरू की गई “वाइब्रेंट गुजरात” पहल ने राज्य में बड़े पैमाने पर औद्योगिक निवेश को आकर्षित किया। उन्होंने कृषि, बिजली और शिक्षा के क्षेत्रों में भी कई सुधार किए, जिससे गुजरात ने अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया।
2014 का लोकसभा चुनाव और प्रधानमंत्री पद
2014 में भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया। उनके चुनावी अभियान ने उन्हें देश भर में एक लोकप्रिय नेता के रूप में स्थापित किया। मोदी ने अपने अभियान के दौरान “सबका साथ, सबका विकास” का नारा दिया, जो सभी वर्गों के विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उनके नेतृत्व में बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत हासिल की, और नरेंद्र मोदी भारत के 14वें प्रधानमंत्री बने।
प्रधानमंत्री के रूप में पहला कार्यकाल (2014-2019)
प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी का पहला कार्यकाल कई महत्वाकांक्षी योजनाओं और सुधारों से भरा रहा। उन्होंने डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान, जन धन योजना, उज्ज्वला योजना, और नोटबंदी जैसे बड़े सुधार लागू किए। मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार को कम करने, बुनियादी ढांचे में सुधार, और गरीबों की मदद के लिए कई योजनाएँ शुरू कीं।
प्रमुख नीतियाँ और योजनाएँ
- डिजिटल इंडिया: इस पहल का उद्देश्य था भारत को एक डिजिटल समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलना। इसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और तकनीकी सेवाएँ पहुँचाने पर विशेष ध्यान दिया गया।
- मेक इन इंडिया: मोदी ने भारतीय विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने और विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए इस योजना की शुरुआत की। इसका उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना था।
- स्वच्छ भारत अभियान: यह एक व्यापक राष्ट्रीय अभियान था जिसका लक्ष्य था भारत को स्वच्छ और स्वास्थ्यप्रद बनाना। उन्होंने विशेष रूप से खुले में शौच को समाप्त करने और स्वच्छता सुविधाओं में सुधार पर जोर दिया।
- नोटबंदी: 2016 में, मोदी सरकार ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने का फैसला लिया, जिससे काले धन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की कोशिश की गई। इस फैसले की व्यापक चर्चा हुई और देश की अर्थव्यवस्था पर इसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा।
2019 का लोकसभा चुनाव और दूसरा कार्यकाल
2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने फिर से प्रचंड जीत दर्ज की। दूसरे कार्यकाल के दौरान उनकी सरकार ने कई बड़े निर्णय लिए, जिनमें सबसे प्रमुख था जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना। इस निर्णय के साथ जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया गया। इसके अलावा, सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लागू किया, जिससे देश में व्यापक चर्चा और विरोध प्रदर्शन हुए।
वैश्विक स्तर पर भारत की छवि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नेतृत्व में भारत की वैश्विक छवि को मजबूत किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया, जिसके परिणामस्वरूप अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की स्थापना हुई। इसके साथ ही, उन्होंने भारत-अमेरिका, भारत-रूस, और भारत-जापान जैसे प्रमुख देशों के साथ संबंधों को सुदृढ़ किया। मोदी की विदेश नीति का लक्ष्य था भारत को एक मजबूत और सशक्त वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करना।
कोविड-19 महामारी और आत्मनिर्भर भारत
2020 में आई कोविड-19 महामारी के दौरान नरेंद्र मोदी ने देश का नेतृत्व किया। उन्होंने लॉकडाउन और स्वास्थ्य संबंधी सुधारों के साथ महामारी का मुकाबला किया। इसके साथ ही, उन्होंने आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य भारत को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और देश में विनिर्माण और उत्पादन को बढ़ावा देना था।
व्यक्तिगत जीवन और आदर्श
नरेंद्र मोदी का जीवन सादगी और समर्पण का प्रतीक है। वे अपने व्यक्तिगत जीवन में बहुत अनुशासित और समर्पित रहे हैं। उनका जीवन कई युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी वे अपने साधारण जीवनशैली के लिए जाने जाते हैं और उन्होंने अपने पूरे जीवन को देश की सेवा के लिए समर्पित किया है।