“यह एक प्यार/नफरत जैसा रिश्ता है। नफरत शब्द थोड़ा ज़्यादा हो गया, लेकिन वो बस यह स्वीकार नहीं कर पातीं कि मैं अब बच्चा नहीं रहा। मैं अपने उम्र के चौदह साल के बच्चों से कहीं ज़्यादा परिपक्व हूं; मेरा तो नौकरी भी है और सब कुछ। लेकिन वो मुझे हर बार नीचा दिखाने के लिए रोक देती हैं। और मैं कुछ नहीं कर सकता, क्योंकि वो मेरी माँ हैं। वो हमेशा मेरे सिर पर रहती हैं: ये संभाल कर करो, वो संभाल कर करो। मेरे दोस्तों के घर भी नहीं जाने देतीं, अगर वो हमारे मोहल्ले से थोड़ा दूर हो।
और हम दोनों जिद्दी हैं, तो अगर मैं बहस करने की कोशिश करूं, तो बात आगे-पीछे घूमती रहती है। वो यह नहीं देखना चाहतीं कि उनका बच्चा सही हो सकता है। वो मुझे मजबूर कर देती हैं कि मैं अपनी बात समझाने के लिए ज़ोर से और थोड़ा अतिरंजित तरीके से बोलूं। लेकिन सुनो, मैं समझता हूं। उनके फोन में एक गूगल फोल्डर है, जिसमें मेरी 1400 पुरानी तस्वीरें हैं, जब मैं छोटा था। ये तस्वीरें मेरे स्कूल के पहले दिन से लेकर अब तक की हैं।
एक दिन मैं रसोई में पानी लेने गया और देखा कि वो उन तस्वीरों को देख रही थीं और रो रही थीं। उस वक्त मैं सोचने लगा, ‘ओह, यार।’ तो सुनो—मैं समझता हूं। मैं अभी भी गुस्सा हूं, लेकिन समझता हूं।”
Bad Boy