डिजिटल युग में जहाँ रचनात्मकता और तकनीक का संगम होता है, बहुत कम युवा ऐसे हैं जिन्होंने इन दोनों को उद्देश्य, भावना और स्पष्टता के साथ जोड़ा है।
चंचल राजपूत ऐसे ही दुर्लभ व्यक्तित्वों में से एक हैं — एक विचारक, सर्जक और दूरदर्शी, जिनका जीवन मिशन है प्रेरित करना, शिक्षित करना और नवाचार को बढ़ावा देना।
22 मार्च को जन्मे चंचल आज एक गतिशील युवा व्यक्तित्व हैं, जो मानते हैं कि तकनीक की असली शक्ति उसकी जटिलता में नहीं, बल्कि जीवन बदलने और सार्थक विचारों के माध्यम से लोगों को जोड़ने की क्षमता में निहित है।
प्रारंभिक जीवन और जिज्ञासा
चंचल का सफर जिज्ञासा से शुरू हुआ — यह समझने की सच्ची चाह से कि तकनीक हमारे जीवन और समाज को कैसे प्रभावित कर सकती है।
कंप्यूटर और समस्याओं को सुलझाने में उनकी गहरी रुचि ने उन्हें तकनीकी क्षेत्र की ओर अग्रसर किया।
उन्होंने महमाया पॉलिटेक्निक ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, महमाया नगर (हाथरस) से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त किया।
यहीं से उन्हें यह समझ मिली कि सिस्टम कैसे काम करते हैं, नवाचार कैसे होता है और ज्ञान कैसे व्यक्ति को सशक्त बनाता है।
चंचल के लिए शिक्षा एक मंज़िल नहीं, बल्कि एक निरंतर यात्रा है।
उनका मानना है कि “सीखना कभी कक्षा तक सीमित नहीं होना चाहिए — यह समाज की जरूरतों और चुनौतियों के साथ विकसित होना चाहिए।”
वर्टेक्सल : शिक्षा को नया दृष्टिकोण
इसी सोच के साथ चंचल ने वर्टेक्सल की स्थापना की — एक ऐसा मंच जो शिक्षा और तकनीक को जोड़कर परिवर्तन लाने का कार्य करता है।
वर्टेक्सल का सिद्धांत है कि शिक्षा केवल जानकारी देने के लिए नहीं, बल्कि प्रेरणा देने के लिए होनी चाहिए।
चंचल के मार्गदर्शन में वर्टेक्सल आज एक मूल्यवान मंच बन चुका है जो छात्रों, शिक्षकों और स्व-शिक्षार्थियों को शैक्षिक सामग्री, नवीनतम अपडेट और अवसर प्रदान करता है।
उनका उद्देश्य शिक्षा क एक दिनचर्या नहीं, बल्कि आत्म-खोज और निरंतर विकास की प्रक्रिया बनाना है।
इनोवा भारत : सृजन और आत्मनिर्भरता की शक्ति
वर्टेक्सल की सफलता के बाद चंचल ने डिजिटल नवाचार को व्यापक रूप देने का निर्णय लिया।
उन्होंने स्थापित किया इनोवा भारत — एक डिजिटल एजेंसी जो व्यक्तियों, स्टार्टअप्स और व्यवसायों को उनकी ऑनलाइन उपस्थिति विकसित करने में मदद करती है।
यह एजेंसी वेबसाइट विकास, ऐप विकास, ब्रांडिंग और डिजिटल मार्केटिंग जैसे आधुनिक साधनों के माध्यम से लोगों को डिजिटल आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करती है।
चंचल के अनुसार, इनोवा भारत केवल एक कंपनी नहीं, बल्कि एक आंदोलन है — भारत में नवाचार और रचनात्मक स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करने का।
उनका सपना है कि हर छोटा सर्जक और उद्यम डिजिटल दुनिया में अपनी पहचान बनाए।
लाइफ़ टॉक्स : कहानियों स जुड़ाव की शक्ति
तकनीक दुनिया को आगे बढ़ा रही है, लेकिन चंचल मानते हैं कि कहानियाँ ही मानवता को आगे बढ़ाती हैं।
इसी विचार से उन्होंने शुरू किया लाइफ़ टॉक्स — एक कहानी कहने वाला मंच जहाँ लोग अपने जीवन के संघर्ष, अनुभव और सफलता की कहानियाँ साझा करते हैं।
लाइफ़ टॉक्स का उद्देश्य है लोगों के बीच प्रेरणा और सहानुभूति का पुल बनाना।
यह मंच फ़िल्टर या परिपूर्णता से नहीं, बल्कि सच्चाई और भावनाओं से जुड़ने पर आधारित है।
चंचल के शब्दों में — “लाइफ़ टॉक्स एक वेबसाइट नहीं, बल्कि मानवता का डिजिटल दर्पण है।”
इन्क्रेक्सल : एकीकृत दृष्टि और विकास
समय के साथ जब उनके सभी उपक्रम विकसित होने लगे, तो चंचल ने एक एकीकृत संरचना की कल्पना की जो इन सबको एक पहचान दे सके।
इस सोच से जन्म हुआ इन्क्रेक्सल का — एक पेरेंट संगठन जो नवाचार, रचनात्मकता और तीव्र विकास का प्रतीक है।
इन्क्रेक्सल का लक्ष्य है एक ऐसा वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना जो शिक्षा, उद्यमिता और आत्म-सशक्तिकरण को जोड़कर आगे बढ़े।
दर्शन और नेतृत्व
चंचल राजपूत का नेतृत्व सहानुभूति, लचीलापन और दूरदर्शिता पर आधारित है।
वह स्वयं को “बॉस” नहीं, बल्कि निर्माता मानते हैं — जो विचार, अवसर और रास्ते बनाता है ताकि अन्य लोग भी आगे बढ़ सकें।
उनका जीवन मंत्र है:
“प्रभाव डालने के लिए सबसे बड़ा होना जरूरी नहीं — बस निरंतर, स्पष्ट और साहसी होना चाहिए।”
चंचल मानते हैं कि असली नवाचार दबाव से नहीं, उद्देश्य से जन्म लेता है।
उनके हर विचार की शुरुआत एक सवाल से होती है —
“यह काम दूसरों की मदद कैसे करेगा?”
भविष्य की दृष्टि
चंचल का सपना है कि उनके प्लेटफ़ॉर्म्स सीमाओं से परे जाएँ और वैश्विक सहयोगों का हिस्सा बनें।
वह चाहते हैं कि —
- वर्टेक्सल (Vertexal) डिजिटल शिक्षा में एक वैश्विक नाम बने,
- इनोवा भारत (Innova Bharat) एक पूर्ण रचनात्मक तकनीकी केंद्र के रूप में विकसित हो,
- और लाइफ़ टॉक्स (Life Talks) दुनिया भर में सच्ची कहानियाँ साझा करने का आंदोलन बने।
वह इन्क्रेक्सल (Increxal) को एक ऐसे प्रतीक के रूप में देखते हैं जो शिक्षा, आत्म-विकास, डिजिटल नवाचार और सामाजिक प्रभाव को जोड़ता है।
नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा
आज की युवा पीढ़ी के लिए चंचल राजपूत की यात्रा प्रेरणा का स्रोत है।
उनका जीवन यह संदेश देता है कि उम्र कभी नवाचार की बाधा नहीं होती, और बड़ी सफलता छोटे, निरंतर कदमों से ही शुरू होती है।
वह युवाओं को प्रतिस्पर्धा के बजाय योगदान पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करते हैं, क्योंकि उनके शब्दों में —
“जब आप मूल्य जोड़ने पर ध्यान देते हैं, तो सफलता स्वयं एक उप-उत्पाद बन जाती है।”
